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    FARIDABAD

    1975 में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने की लोकतंत्र और संविधान की निर्मम हत्या की : मनोहर लाल

    (Mukhi Deepak Kathuria) www.bharatdarshannews.com

    1975 में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने की लोकतंत्र और संविधान की निर्मम हत्या की : मनोहर लाल

    Bharat Darshan Faridabad News, 26 June 2025 : केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि “25 जून 1975 की रात देश के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला हुआ। उस रात सत्ता की लालसा में कांग्रेस ने भारत के संविधान और लोकतंत्र की निर्मम हत्या कर दी। आपातकाल का वो काला अध्याय आज भी लोकतंत्र प्रेमियों की रूह को कंपा देता है। प्रेस पर सेंसरशिप, नागरिक अधिकारों का हनन, लाखों गिरफ्तारियाँ और अत्याचार  यह सब संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ था। फरीदाबाद के सेक्टर-12 कन्वेंशन सेंटर में “संविधान हत्या दिवस 2025” संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य वक्ता और पलवल के पूर्व विधायक दीपक मंगला सह वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे । 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से ‘संविधान हत्या दिवस 2025’ आपातकाल का काला अध्याय पर एक प्रदर्शनी का आयोजन कन्वेंशन हॉल, सैक्टर-12 में किया गया। केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। संगोष्ठी के दौरान ‘संविधान हत्या दिवस 2025’ आपातकाल का काला अध्याय इस पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। इस अवसर पर आपातकाल के दौरान मीसा के तहत बंदी बनाए गए एवं यातना सहने करने वाले सेनानी  व उनके परिवार के सदस्य  मौजूद रहे । केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने संगोष्ठी में कहा कि कांग्रेस सरकार ने आरएसएस, जनसंघ, एबीवीपी और कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर यह सिद्ध कर दिया कि वह किसी भी विरोधी स्वर को बर्दाश्त नहीं कर सकती। आपातकाल के दौरान विरोधी पार्टी के नेताओं को जेलों में मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गईं, महिला कैदियों के साथ भी अमानवीय व्यवहार हुआ। श्री मनोहर लाल ने कहा कि 1947 में गुलामी की बेड़ियों से आजाद होने के बाद देश में एक लोकतान्त्रिक सरकार की जरुरत थी जो जनता के हित में काम करें,  आजादी के बाद गांधी जी ने कांग्रेस को सरकार न बनाने की सलाह दी थी। लेकिन, कांग्रेस के लोग सत्तालोलुप थे। 1967 में पहली बार विपक्षी पार्टियों ने सरकार बनानी शुरू हुई।  कांग्रेस ने 1970 में गरीबी हटाओ का झूठ नारा देकर सत्ता हासिल की। इंदिरा गांधी ने बोगस वोट से जीत हासिल की। इंदिरा गाँधी पर कोर्ट ने छह साल के इलेक्शन न लडने का प्रतिबंध लगा दिया लेकिन, इंदिरा गांधी पर सत्तालोलुप हावी था। सत्ता के लोभ के कारण  इंदिरा गाँधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र और संविधान की हत्या की । मनोहर लाल ने कहा कि जिन्होंने आपातकाल का दंश झेला, वे पूज्यनीय हैं । आपातकाल के दौरान भारत माता की जय बोलने वाले को जेल में डाला गया । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लोकतंत्र बचाने में बड़ी भूमिका निभाई और भूमिगत आंदोलन शुरू किया। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भंग कर दिया। दैनिक ट्रिब्यून चंडीगढ को बंद कर दिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने शर्मनाक बयान देकर इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा कहा । जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 90,000 से ज्यादा कार्यकर्त्ता जेल में रहे। आपत्ति/विपत्ति के दौर में कार्यकर्त्ताओं ने मेहनत की, मुझे भी आपातकाल के दौरान काम करने का सौभाग्य मिला। दिल्ली में कार्यकर्ता रवि तनेजा के माध्यम से कागज छपवाए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी उस समय साधारण कार्यकर्ता हुआ करते थे और उनके जैसे लाखों समर्पित स्वयंसेवकों ने रातों-रात रेलों में पर्चे बांटे, संदेश पहुंचाए और कांग्रेस की सच्चाई हर गांव और गली तक पहुंचाई। इमरजेंसी हटी और कांगेस की बुरी हार हुई । जनता जान गई कि लोकतंत्र में वोट की ताकत क्या होती है और  कांग्रेस को भी हराया जा सकता है । इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन  सरकार ज्यादा नहीं चल पाई, जनसंघ जनता पार्टी से अलग हो गया । 1980 में भारतीय  जनता पार्टी बनी तब अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था ‘अँधेरा छटेगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा’ । 1984 में भाजपा को 2 सीटों पर जीत मिली लेकिन 2014 में भाजपा ने देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और आज देश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी है, हरियाणा में भी 3 बार भाजपा की सरकार बनी है । गरीबों के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने का नाटक रच रहे कांग्रेस के नेता कैसे भूल जाते हैं कि इंदिरा गाँधी ने दिल्ली की तुर्कमान गेट पर अपने घरों को बचाने के लिए गुहार लगाने वाले गरीबों पर गोलियां चलवाई थीं। आपातकाल के दौरान जनता पर अत्यचार किए, युवाओं की नसबंदी की गई । श्री मनोहर लाल ने कहा कि ’संविधान बचाओ’ का नारा देने वाली कांग्रेस वही पार्टी है जिसने संविधान को सबसे पहले और सबसे गहराई से रौंदा था। 2014 से मोदी जी लक्ष्य को सामने रखकर देश को आगे बढाने का काम कर रहे हैं, आजादी के 78 साल बाद आज हर देशवासी को विश्वास है कि देश का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । भारत का विश्व गुरु बनाने का समय आना शेष है लेकिन विश्व की समस्यायों का हल किसी के पास है तो वो भारत वर्ष है ।

     कांग्रेस ने 1975 में आपातकाल लगाकर संविधान कि हत्या करने का घोर पाप कियाः दीपक मंगला

     संगोष्ठी में सह वक्ता पूर्व विधायक दीपक मंगला ने कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया। कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। इंदिरा गांधी ने एक लाख से अधिक नागरिकों को जेल में बिना किसी जुर्म के ठूंस दिया, जिनमें जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, श्री मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह सहित तमाम वरिष्ठ विपक्षी नेता, पत्रकार तो शामिल थे ही, लेकिन कांग्रेस शासन ने छात्रों तक को जेल में सड़ने पर मजबूर कर दिया था। श्री मंगला ने कहा कि आपातकाल के काले अध्याय को देश भुला नहीं है । देश कि जनता कांग्रेस को कभी भी माफ़ नहीं करेगी । 

     कांग्रेस ने न कभी जनादेश का सम्मान किया, न विपक्ष की गरिमा बनाए रखी : पंकज पूजन रामपाल

     जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल ने कहाः  “25 जून 1975 को कांग्रेस द्वारा लगाया गया आपातकाल देश के इतिहास का एक काला अध्याय है । आज कांग्रेस के नेता लोकतंत्र की बातें करते हैं, पर देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।” आज भी कांग्रेस का वाही तानाशाही रवैया है। न्याय पालिका में हस्तक्षेप, ’फ्री स्पीच’ के नाम पर अराजकता और मीडिया ट्रायल को बढ़ावा देकर कांग्रेस आज नए तरीकों से वही आपातकाल लागू करना चाहती है। जब-जब कांग्रेस को सत्ता से बाहर किया गया है, उसने न जनादेश का सम्मान किया है, न विपक्ष की गरिमा बनाए रखी है।

    संजय अरोड़ा जी ने आपातकाल के समय को नजदीक से  देखा और आपातकाल के विषय में विस्तार से बताया कि किस तरह लोगों के अधिकारों का हनन  किया गया, यातनाएं दी गई, लोगों को जबरन पकड़कर जेलों में डाला गया।  

    इस संगोष्ठी में विधायक मूलचंद शर्मा, धनेश अदलखा, सतीश फागना महापौर प्रवीण जोशी, संजय अरोड़ा जी,  जिला प्रभारी नरेन्द्र वत्स,  जिला अध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, राष्ट्रीय परिषद् सदस्य संदीप जोशी,  मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव अजय गौड़, पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, पूर्व विधायक नरेन्द्र गुप्ता, पूर्व महापौर सुमन बाला, पूर्व वरिष्ठ उप महापौर देवेन्द्र चौधरी,  पूर्व जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा,  राजकुमार वोहरा, नीरा तोमर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली, जिला महामंत्री सुरेन्द्र जांगड़ा, मनोज वशिष्ठ, पूर्व महामंत्री मूलचंद मित्तल, आर. एन. सिंह, सहित भाजपा के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता, उद्योगपति, धार्मिक सामाजिक संस्थाओं के सदस्य, फरीदाबाद के वरिष्ठ बुद्धिजीवी एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।