(Mukhi Deepak Kathuria) www.bharatdarshannews.com
Bharat Darshan Faridabad News, 09 October 2024 : महारानी वैष्णो देवी मंदिर में छठे नवरात्रि पर मां कात्यानी की भव्य पूजा अर्चना की गई. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने प्रातः कालीन पूजा का शुभारंभ करवाया. मंदिर में आने वाले भक्तों ने मां कात्यानी की पूजा अर्चना में हिस्सा लिया. इस अवसर पर मंदिर में कई विदेशी श्रद्धालुओं ने भी माता रानी के दर्शन किए और पूजा अर्चना में हिस्सा लिया. मंदिर संस्थान के प्रधान ने सभी विदेशी श्रद्धालुओं को माता की चुनरी और प्रसाद दिया. यह श्रद्धालु ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस से आए थे मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए श्रद्धालुओं को मां कात्यानी की महिमा से अवगत करवाते हुए बताया कि मां दुर्गा का छठा स्वरुप है मां कात्यायनी, नवरात्रि के छठे दिन इन्ही की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के घर हुआ था इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को काम, मोक्ष, धर्म और अर्थ इन चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। श्री भाटिया के अनुसार नवरात्रि के छठे दिन की पूजा विधि, मां कात्यायनी का भोग, मंत्र और उनकी आरती की जाती है
मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मां कात्यायनी अपने भक्तों के सभी पाप हर लेती हैं। साथ ही मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां के जन्म की तो विश्वप्रसिद्ध ऋषि कात्यायन ने मां भगवती की उपसना की और कठिन तपस्या की। जब मां भगवती ने उन्हें दर्शन दिए तो उन्होंने मां भगवती से वरदान मांगा की उनके घर पुत्र का जन्म हो। इसके बाद मां भगवती ने स्वंय उनके घर में जन्म लिया। इसलिए उनका नाम कात्यायानी पड़ा। इतना ही नहीं गोपियों ने भी भगवान कृष्ण को पति रुप में पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की थी।