(Mukhi Deepak Kathuria) www.bharatdarshannews.com
सुरक्षा अधिकारी के व्हाट्सएप नंबर 9050960500 पर भेजें जानकारी
Bharat Darshan Faridabad News, 09 August 2024 : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक पीसी मीणा ने कहा कि बिजली निगम की लाइनों से किसी व्यक्ति एवं कर्मचारी को कोई नुकसान न हो तथा नागरिकों को किसी भी प्रकार के जान-माल का खतरा नहीं हो इसके लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने कार्यकारी अभियंता को सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किया है। ऐसा डीएचबीवीएन में पहली बार हुआ है कि किसी कार्यकारी अभियंता को सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि आम नागरिकों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा ही हमारी प्राथमिकता है। एक बिजली वितरण कंपनी के रूप में, एक सुरक्षित और दुर्घटना-मुक्त प्रणाली बनाए रखना हमारा दायित्व है। हाल के अवलोकनों ने विद्युत लाइनों, खंभों, ट्रांसफार्मर, फीडर खंभे जैसे उपभोक्ता आवासों की विद्युत संपत्तियों की खतरनाक स्थितियों को उजागर किया है। मीटर और मीटर बॉक्स खंभों पर स्थापित किए गए। ये गंभीर सुरक्षा चिंताएं पैदा करते हैं और कभी-कभी घातक और गैर-घातक दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।
उन्होंने बताया कि इसी के मध्यनजर बिजली की लाइनों से संबंधित किसी भी प्रकार के खतरे की सूचना सीधे मुख्यालय को दी जा सकेगी। कार्यकारी अभियंता (सुरक्षा) के मोबाइल- व्हाट्सएप नंबर 9050960500 पर कोई भी नागरिक ऐसे स्थान का फोटो, वीडियो, गूगल लोकेशन या लैंडमार्क, उपमंडल क्षेत्र के नाम आदि के द्वारा जानकारी दे सकता है। जान माल के खतरे से बचाव करते हुए, टूटे हुए खंभे, बिजली की तारों, सपोर्ट वायर, अर्थ वायर, ट्रांसफार्मर, मीटर बॉक्स अथवा अन्य किसी में आने वाले करंट की सूचना भी उपभोक्ता इस व्हाट्सएप नंबर 9050960500 पर तुरंत दे सकते हैं। निगम द्वारा उसे तुरंत ही ठीक करवाया जाएगा।
श्री मीणा ने कहा कि एसडीओ स्तर पर फील्ड में कार्यरत स्टाफ कनिष्ठ अभियंता, फोरमैन, लाइनमैन, सहायक लाइन स्टाफ ने गहन सुरक्षा अभियान चलाना है। एसडीओ की भागीदारी से सभी क्षेत्र प्रभारी एएलएम, एलएम, एएफएम और जेई अपने क्षेत्र-वार जिम्मेदारियों के अनुसार सिस्टम की कमियों व दोषों को दूर करेंगे। अगले 15 दिनों के भीतर क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा अभियान चला कर, शुरुआत में ही सारे क्षेत्र में सुधार करेंगे।
क्षेत्र प्रभारी को नियमित रूप से सभी विद्युत संपत्तियों की गश्त करनी है और नामित फीडर प्रभारी को विद्युत प्रणाली के नियमित रखरखाव और सुरक्षित स्थिति में रखरखाव के लिए एक निगरानी पुस्तिका बनाए रखनी है। इस पुस्तिका में सिस्टम में पाए जाने वाले सभी दोषों व कमियों को जीपीएस निर्देशांक सहित शामिल किया जाना है। इसमें फीडर का नाम, ट्रांसफार्मर का नाम, क्षेत्र, जीपीएस लोकेशन के साथ पाई गईं या देखी गई कमियां एवं किये गये अनुरक्षण कार्य का विवरण दर्ज करना है।
प्रत्येक माह के अंत में, एएलएम, एलएम, एएफएम, जेई और एसडीओ को संबंधित ऑपरेशन के कार्यकारी अभियंता के माध्यम से संबंधित एसई को एक प्रमाण पत्र और गश्त रिकॉर्ड जमा करना होगा। प्रमाण पत्र में लिखा होना चाहिए कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत प्रणाली ठीक से बनी हुई है और संभावित खतरों से मुक्त है।
एसडीओ को सिस्टम की खामियों व कमियों को दूर करने के लिए किए गए कार्यों का शत-प्रतिशत निरीक्षण व सत्यापन करना होगा। कार्यकारी अभियंता को कम से कम 25 प्रतिशत निरीक्षण व सत्यापन करना होगा। इसी तरह एसई ऑपरेशंस को कम से कम 10 प्रतिशत कार्य का निरीक्षण एवं सत्यापन करना होगा।
मुख्य अभियंता ऑपरेशन पूरे क्षेत्र के लिए एक समेकित रिपोर्ट तैयार करेगा। इस रिपोर्ट को घातक और गैर-घातक दुर्घटनाओं के लिए मासिक ऑल टाइम डायरेक्टर्स बैठक के एजेंडे में शामिल कर अपडेट करेंगे।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी संबंधित कार्मिकों को इनका सावधानीपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। विद्युत प्रणालियों की सुरक्षा बनाए रखने और दुर्घटनाओं को रोकने के निर्देश में यह भी दोहराया गया है कि निगम की वेबसाइट पर कर्मचारियों और आम जनता के लिए उपलब्ध सुरक्षा मैनुअल और वीडियो को प्रचार-प्रसार के साथ उनका पालन किया जाना चाहिए। बिजली की तारों में आ रहे करंट से बचाव जरूरी है।