GOVT OF INDIA RNI NO. 6859/61
  • Contact
  • E-Paper
  • Magzine
  • Photo Galery
  • Login
Bharat Darshan Logo
Bharat Darshan Founder
Breaking News:

    DELHI/NCR

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया

    (Mukhi Deepak Kathuria) www.bharatdarshannews.com

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया

    Bharat Darshan New Delhi News, 23 July 2024 : संसद का बजट सत्र सोमवार को शुरू हो चुका है। इस सत्र के दौरान 23 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश करने के लिए तैयार है। निर्मला सीतारमण सुबह ही अपने दफ्तर पहुंच चुकी है। इसके साथ ही अब पूरा देश बजट को लेकर काफी उत्सुक नजर आ रहा है। टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद के साथ पूरे देश की जनता इस बजट पर गौर करने वाली है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने के बाद केंद्रीय बजट 2024-25 पेश करेंगी। ये बजट सुबह 11 बजे संसद में पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा। यह वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण का लगातार सातवां बजट होगा क्योंकि वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा स्थापित रिकॉर्ड को तोड़ देंगी जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लगातार पांच बजट पेश किए और प्रणब मुखर्जी ने भी लगातार पांच बजट पेश किए। इस वर्ष बजट मानसून सत्र में पेश किया जा रहा है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के कारण अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया गया था। करदाता उत्सुकता से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट में क्या राहत देंगी। मंगलवार को सुबह 11 बजे लोकसभा में जब वह अपना बजट भाषण देंगी, तब इसका विवरण सामने आएगा। यह मोदी 3.0 का उनका पहला बजट होगा।सोमवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार वित्त वर्ष 24 के लिए सकल कर राजस्व (जीटीआर) में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया, जिसके परिणामस्वरूप कर राजस्व उछाल 1.4 रहा। यह वृद्धि वित्त वर्ष 2023 की तुलना में प्रत्यक्ष करों में 15.8 प्रतिशत की वृद्धि और अप्रत्यक्ष करों में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुई। प्रत्यक्ष करों ने जीटीआर में लगभग 55 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि अप्रत्यक्ष करों ने शेष 45 प्रतिशत का योगदान दिया। वित्त मंत्रालय के दस्तावेज में कहा गया है कि प्रत्यक्ष करों से प्राप्त होने वाला यह बढ़ा हुआ योगदान, कराधान में प्रगतिशीलता बढ़ाने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है। इसके अलावा, समय के साथ कर संग्रह की दक्षता में सुधार हुआ है, प्रत्यक्ष कर संग्रह की लागत वित्त वर्ष 20 में सकल संग्रह के 0.66 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 23 में 0.51 प्रतिशत हो गई है। लचीली आर्थिक गतिविधि और बढ़ते अनुपालन से प्रेरित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में मजबूत वृद्धि के परिणामस्वरूप कर राजस्व रूढ़िवादी बजटीय अनुमानों से अधिक हो गया।