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    इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव ने की पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की घोषणा, माताओं और बच्चों की सेहत के क्षेत्र में इनोवेशन के लिए आपसी सहयोग से शुरू किया गया भारत का पहला इंक्यूबेटर, 8 विजेता इनोवेशन के लिए 3 करोड़ रुपये के ट्रस्ट फंड से होगी शुरुआत

    (Mukhi Deepak Kathuria) www.bharatdarshannews.com

    इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव ने की पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की घोषणा, माताओं और बच्चों की सेहत के क्षेत्र में इनोवेशन के लिए आपसी सहयोग से शुरू किया गया भारत का पहला इंक्यूबेटर, 8 विजेता इनोवेशन के लिए 3 करोड़ रुपये के ट्रस्ट फंड से होगी शुरुआत

    Bharat Darshan New Delhi News, 09 December 2023 : इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव ने आज भारत सरकार मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के साथ मिलकर पोषण उपलब्ध कराने की सेवाओं को मज़बूती देने के लिए पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म (पीआईपी) की शुरुआत करने की घोषणा की। इसका उद्देश्य अंतिम छोर पर मौजूद माताओं और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में सुधार करना है। प्लेटफॉर्म शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्ट-अप, यूनिवर्सटी इंक्यूबेटर, सिविल सोसाइटी नेटवर्क और देश के कारोबारों को अपने शानदार इनोवेशन को अवधारणा के प्रमाण के साथ लोगों के सामने लाने के लिए मंच उपलब्ध कराएगा। यह प्लेटफॉर्म मार्गदर्शन, सीड फंडिंग और निवेश के अवसर उपलब्ध कराएगा, ताकि इन इनोवेशन को सफलतापूर्वक विस्तार दिया जा सके।

    पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म (पीआईपी), माताओं और बच्चों की सेहत के लिए आपसी सहयोग से शुरू किया गया भारत का पहला इंक्यूबेटर प्लेटफॉर्म

    इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास पूरे देश में किए जाने वाले ऐसे इनोवेशन को मदद देगा जिनमें पोषण के लिहाज़ से समस्याओं को सामना कर रही अंतिम पायदान पर मौजूद माताओं और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में बदलाव लाने की क्षमता होगी 

    यह प्लेटफॉर्म मार्गदर्शन, सीड फंडिंग और निवेश के अवसर उपलब्ध कराएगा, ताकि इन इनोवेशन को सफलतापूर्वक विस्तार दिया जा सके।

    पीआईपी 8 विजेता इनोवेशन को सपोर्ट करने के लिए 3 करोड़ रुपये का ट्रस्ट फंड भी उपलब्ध कराएगा

    भारत के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय, प्लेटफॉर्म का नॉलेज पार्टनर है और आवदेन प्रक्रिया अपनी वेबसाइट www.manthan.gov.in पर उपलब्ध कराएग

    पीआईपी को विटामिन एंजेल्स, जेएचपीआईईजीओ, ट्रांसफॉर्म रुरल इंडिया (टीआरआई), यूनिसेफ इंडिया जैसे सहयोगी संगठनों और डॉ. राजन शंकर और डॉ. स्मृति पाहवा जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के पोषण संबंधी प्रमुख विशेषज्ञों का समर्थन भी मिला

    पीआईपी की शुरुआत द कैटलिस्ट 2030, इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव, अकादमिक क्षेत्र, कारोबारों, सरकार और सिविल सोसाइटी के संगठनों और लोगों के नए और बढ़ते समूह ने मिलकर की है जो अच्छी सेहत व देखभाल और भूख की समस्या को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। नॉलेज पार्टनर के तौर पर जुड़े भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के समर्थन के साथ-साथ विटामिन एंजेल्स, जेएचपीआईईजीओ, ट्रांसफॉर्म रुरल इंडिया (टीआरआई), यूनिसेफ इंडिया जैसे आईएनसी सदस्य संगठनों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पोषण के क्षेत्र में काम करने वाले डॉ. राजन शंकर और डॉ. स्मृति पाहवा जैसे जाने-माने पोषण विशेषज्ञों के साथ प्लेटफॉर्म पूरे देश में ऐसे इनोवेशन को बढ़ावा देता है जिनमें अंतिम पायदान पर मौजूद पोषण की समस्याओं का सामना कर रही माताओँ और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर में बदलाव करने की क्षमता रखता है। युवाओं के बीच स्टंटिंग एंड वेस्टिंग (उम्र के हिसाब से वज़न और कद का अनुपात) के स्तर को कम करने और प्रजनन योग्य आयु समूह की महिलाओं में एनीमिया के मामलों को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्लेटफॉर्म लैंगिक समानता, डिजिटल समानता, बाज़ार में समानता और पोषण की चाह रखने वाले व्यवहार को बढ़ावा देने के क्षेत्र में इनोवेशन को गति देगा। ऐसे बहुआयामी प्रयासों से पीढ़ीगत गरीबी को खत्म करने और ग्रामीण भारतीयों को समान अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। चुने गए इनोवेशन के समूह में से आठ इनोवेशन को चुना जाएगा जिसका निर्णय विभिन्न क्षेत्रों से आने लोगों के साथ बनाया गया निर्णायक मंडल करेगा। जिन इनोवेशन के पास क्रियान्वयन के साथ अवधारणा का प्रमाण, स्थायित्व से जुड़े प्रमाण, प्रभाव और अंतिम पायदान तक डिलिवरी करने का प्रमाण होगा, वे 3 करोड़ रुपये के पीआईपी ग्रांट चैलेंज ट्रस्ट फंड के माध्यम से वित्तीय मदद और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे इनोवेशन जो पीआईपी ग्रांट चैलेंज के अंतर्गत मदद नहीं पा सकेंगे, उन्हें पोषण इनोवेटर्स नेटवर्क (पीआईएन) के माध्यम से मार्गदर्शन और लर्निंग प्रोग्राम उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि उन्हें अगले चरण के लिए तैयार किया जा सके। निर्णायक मंडल, मार्गदर्शक और पार्टनर्स के विविधताओं से भरपूर पैनल में अकादमिक क्षेत्र, सरकार, मीडिया और कम्यूनिकेशन क्षेत्र के लोग, निजी क्षेत्र और एनजीओ के प्रमुख लोग शामिल हैं। ये सभी मिलकर जीतने वाले इनोवेशन को निखारने के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध कराएंगे। इस सुधार प्रक्रिया के पूरे होने के बाद, जमीनी स्तर पर काम करने वाले संगठनों, मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ सहयोगात्मक प्रयास शुरू किए जाएंगे, ताकि जिले, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सफल इनोवेशन को पायलट के तौर पर शुरू किया जा सके और ज़मीनी स्तर पर पोषण को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ उन्हें जोड़ा जा सके। इसके बाद 24 महीनों का चक्र पूरा होने पर चुनिंदा इनोवेशन को कॉरपोरेट सेक्टर से मिलने वाली लंबी अवधि की फंडिंग के माध्यम से विस्तार दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में डॉ. सपना पोटी, डायरेक्टर, रणनीतिक गठजोड़, भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय, ने कहा, “पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म एक अनोखा प्रयास है जो पार्टनर्स और सहयोगियों के मज़बूत नेटवर्क के माध्यम से अलग और विस्तारयोग्य दृष्टिकोण के साथ इनोवेशन करने वाले लोगों का मार्गदर्शन और उनकी मदद करते हैं। पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म अपने मंथन प्लेटफार्म के माध्यम से पीएसए, भारत सरकार के कार्यालय के साथ इस भरोसे के साथ भागीदारी कर रहा है कि पीआईपी देश में मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य के लिए विस्तारयोग्य इनोवेशंस को कार्यान्वित करते हुए अवसरों का सृजन करेगा। पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म को पोषण सेक्शन में मंथन के साथ फीचर किया जाएगा और हमें आशा है कि यह प्लेटफार्म सरकार के मौजूदा प्रयासों को सार्थक तरीके से पूर्णता प्रदान कर देश में महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करेगा।”

     

    डॉ. राजन शंकर, मुख्य सलाहकार एवं मार्गदर्शक, पीआईपी और देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञ ने कहा, “भारत ने स्वास्थ्य एवं विकास से जुड़े संकेतकों के लिहाज़ से महत्वपूर्ण प्रगति की है जिससे लाखों लोगों के जीवन में सुधार आया है। हालांकि, सेवाओं को अंतिम पायदान तक पहुंचाने के लिए सामाजिक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। इस अनोखे प्रयास का उद्देश्य सरकार, सामुदायिक सेवा के संगठनों और निजी क्षेत्र समेत विभिन्न पक्षों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्य भारत में मौजूद व्यापक टैक्नोलॉजी से जुड़ी प्रतिभाओं और क्षमताओं का लाभ उठाना और भारत को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में लगातार आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।”

     

    डॉ. स्मृति पाहवा, चेयर, इंडिया न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव ने कहा, “देश में कुपोषण या अल्पपोषण की समस्या का सामना करने के लिए मानव केंद्रित दृष्टिकोण अपनाकर, टैक्नोलॉजी का लाभ उठाकर और अन्य क्षेत्र की सफलताओं से सीखकर अप्रभावी डिलिवरी और स्वीकार्यता की कमी की समस्या का समाधान करने की तत्काल ज़रूरत है। इनोवेशन के लिए सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराकर पोषण इनोवेशन प्लेटफॉर्म देश में पोषण के लिहाज़ से समानता लाने में सफल साबित हो सकती है। पीआईपी माताओं-बच्चों की सेहत के क्षेत्र में अब तक गंवा दिए जाने वाले अवसरों को भुनाने का माध्यम बन सकता है।”

     

    पीआईपी को बेंगलुरू डिज़ाइन वीक में लॉन्च किया गया जिसमें कर्नाटक सरकार और एसडीजी ऐक्शन लैब्स ने भी सहयोग किया। कैटलिस्ट 2030, इंडा न्यूट्रिशन कोलैबरेटिव का उद्देश्य भारत में मौजूद पोषण की असमानता की समस्या का समाधान करने के लिए बौद्धिक, टैक्नोलॉजिकल, सामाजिक और रचनात्मक मानव पूंजी को इकट्ठा करना है। यह देश में प्लेटफॉर्म, चर्चा, सॉल्यूशन-सर्किल और फोरम के माध्यम से कुपोषण की समस्या का समाधान करने के लिए ज़मीनी तैयारी करने के लिए एकजुट होने पर ध्यान केंद्रित करता है, ताकि ऐसा सिस्टम तैयार किया जा सके जिससे समाधान को बढ़ावा मिले।