(Kiran Kathuria) www.bharatdarshannews.com
Deepak Kathuria/Bharat Darshan News, 14 Februry 2023 : प्रेमी जोड़े वैलेंटाइन डे पर एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हैं और गिफ्ट्स भी देते हैं। वैसे तो प्यार का इजहार कभी भी किया जा सकता है, लेकिन 14 फरवरी पर ऐसा करना एक अलग ही एहसास दे जाता है। साल का सबसे रोमांटिक दिन 'वैलेंटाइन डे' आखिरकार आ ही गया। वैलेंटाइन डे, जिसे प्यार के दिन के रूप में भी जाना जाता है,14 फरवरी को सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन प्रेमी जोड़े अलग-अलग तरीकों अपने प्यार का जश्न मनाते हैं। प्रेमी जोड़े वैलेंटाइन डे पर एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हैं और गिफ्ट्स भी देते हैं। वैसे तो प्यार का इजहार कभी भी किया जा सकता है, लेकिन 14 फरवरी पर ऐसा करना एक अलग ही एहसास दे जाता है। यह एहसास जिंदगीभर प्रेमी-जोड़े के साथ रहता है, जो जिंदगी के किसी भी मोड़ पर उनके रिश्ते को फिर से खुशनुमा कर देता है। वैलेंटाइन डे, सिर्फ प्यार करने वालों के लिए नहीं है, आजकल सिंगल लोग भी इस दिन पर अपने तरीके से जश्न मनाते हैं। सिंगल हो या फिर कपल, वैलेंटाइन डे को सेलिब्रेट तो हर कोई करता है, लेकिन यह क्यों मनाया जाता है इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। चलिए आज हम आपको वैलेंटाइन डे मनाने के पीछे के इतिहास के बारे में बताते हैं।
खास बात ये है कि भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई और देशों में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि वैलेंटाइन डे की शुरुआत कब हुई?
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एक पुरानी कथा के अनुसार, रोमन राज्य का राजा क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय अपना साम्राज्य फैलाना चाहता था, लेकिन इसके लिए उसे आवश्यकता अनुसार युवा सैनिक नही मिल पा रहे थे। राजा को पता चला कि लोग जिनके परिवार है, जिनकी पत्नी और बच्चे हैं, या जो प्यार मे पड़े युवा पुरुष सेना मे भर्ती नही होना चाहते हैं। इसके बाद राजा ने शादी पर प्रतिबंध लगा दिया। राजा का मानना था कि प्रेम-संबंध या विवाह से पुरुषो की बुद्धि और शक्ति दोनो खत्म हो जाती है।
फ्रांस के सेंटर वल डि लॉयर में है सेंट वैलेंटाइन का गांव, लवर्स गार्डन के बरगद के पेड़ से शुरू होती है प्यार की कहानी
वैलेंटाइंस डे पर लाखों प्रेम कहानियां शुरू होती हैं लेकिन एक कहानी इस दिन से भी जुड़ी है, जो छोटे से गांव से शुरू हुई थी। गांव का नाम है सेंट वैलेंटाइन विलेज, इसे प्रेम का गांव भी कहते हैं। यह फ्रांस के सेंटर वल डी लॉयर में बसा है। खूबसूरत प्राकृतिक नजारों वाले इस गांव में हर साल 12-14 फरवरी को त्योहार जैसा माहौल रहता है। गांव की खासियत है कि यहां प्यार पेड़ों पर बसता है। रूठने-मनाने से लेकर प्यार के इजहार तक की कहानी यहां के पेड़ कहते हैं, जो लवर्स गार्डन में लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन तीन दिनों में प्यार का इजहार किया जाए तो पत्थर दिल भी पिछल जाता है।प्यार को
लवर्स गार्डन : दिलवाले पेड़ के नीचे प्यार का इजहार
गांव का सबसे अहम हिस्सा है लवर्स गार्डन। इस बगीचे में मौजूद बरगद के पेड़ पर सैकड़ों दिल की आकृतियां हवा में उड़ती नजर आती हैं। जो जोड़ों को इमोशनल करती हैं। ज्यादातर जोड़े इस जगह को प्रपोज करने के लिए चुनते हैं। गार्डन के पास में ही लोकल मार्केट भी है, जहां खाने-पीने का सामान मिल जाता है। कपल्स यहां आते हैं और अपना दिन यादगार बनाते हैं।
लव लॉक : प्यार में किए वादे और माफीनामे की लिस्ट का गुच्छा
बगीचे में मौजूद पेड़ जोड़ों की प्रेम कहानी बखूबी कहते हैं। जोड़े डालियों पर लव-लॉक लगाकर और चाबी पानी में फेंक देते थे। कुछ समय पहले ही इस परंपरा पर रोक लगाई गई है। अब जोड़े लव-लॉक की जगह लव-नोट्स यानी प्यार की पर्ची लगाते हैं। बगीचे में ही एक कसमें-वादों का पेड़ है जिसे ट्री ऑफ वाउज कहते हैं। इस पर सैकड़ों लोगों ने अपने कंफेशन यानी प्यार हुई गलती का माफीनामा लटका रखा है। इसे लिखने के लिए दिल के आकार का कागज इस्तेमाल किया जाता है।
ट्री ऑफ इटरनल हार्ट्स : ऐसा पेड़ जिसकी कसम खाई जाती है
इसी बगीचे में ही एक ऐसा पेड़ भी है, जिसकी जोड़े कसम खाते हैं। यह कसम है पार्टनर के साथ जिंदगीभर ईमानदारी से रिश्ता निभाने की। पेड़ का नाम है ट्री ऑफ इटरनल हार्ट्स। कुछ जोड़े इस पेड़ के पास शादी की सभी रस्में अदा करते हैं। रूठने के बाद कई बार वे पार्टनर को मनाने के लिए यहां आते हैं।
लव पोस्ट बॉक्स : प्यार की चिट्ठियों का ठिकाना
गांव में प्यार जताने के लिए लोग पेड़ लगाते हैं। यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट भी इस रिवाज का हिस्सा बनते हैं। गार्डन में पास एक पोस्ट ऑफिस है जो प्यार की चिट्ठियों का ठिकाना है। इसमें हर कोई लव लेटर डाल सकता है और अपने पार्टनर तक पहुंचा सकता है। पास में ही पोस्ट ऑफिस और स्टाम्प भी आसानी से उपलब्ध है।
14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन को सजा सुनाई गई
ज्यादातर कपल फ्रांस के पेरिस को प्यार के इजहार के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन मानते हैं, लेकिन उसी देश का सेंट वैलेंटाइन विलेज आपको सही मायने में प्यार के रुमानी अहसास से रूबरू कराता है। पूरी दुनिया संत वैलेंटाइन की शहादत को प्यार के दिवस के रूप में मनाती है इसकी शुरुआत इसी गांव में एक घटना से हुई। 'ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन' नाम की पुस्तक के मुताबिक, एक समय में यहां के सम्राट क्लॉडियस का मानना था कि अविवाहित पुरुष विवाहित पुरुषों की तुलना में ज्यादा अच्छे सैनिक बन सकते हैं। ऐसे में उसने सैनिकों और अधिकारियों के विवाह करने पर रोक लगा दी थी।
उस संत वैलेंटाइन एक पादरी थे और उन्होंने इस आदेश का विरोध किया। संत वैलेंटाइन ने सैनिकों और अधिकारियों के गुप्त विवाह कराए। क्लॉडियस को जब इसकी जानकारी हुई तो संत के खिलाफ मौत का फरमान जारी किया। 14 फरवरी 269 को संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा दी गई।
बेटी को दान की आंखें
इनके गांव में कहा जाता है कि फांसी से पहले सेंट वैलेंटाइन ने अपनी अंधी बेटी जैकोबस को अपनी आंखें दान कर दी थीं। इसके साथ उन्होंने बेटी को एक चिट्ठी भी दी। जिसके अंत में लिखा था तुम्हारा वैलेंटाइन। यहीं से अपने किसी खास को वैलेंटाइन कहने का रिवाज शुरू हुआ।
यूं तो प्यार का इजहार कभी भी किया जा सकता है लेकिन प्यार के इस महान त्योहार वैलेंटाइन डे के दिन अपने प्यार का इजहार करने का एक अलग ही महत्व है, इस दिन लगभग पूरे संसार में प्यार करने वाले अपनत्व से भरे उपहार और प्रेम पत्र देकर वैलेंटाइन डे मनाते हैं। यूं तो वैलेंटाइन डे तो केवल एक प्रतीकात्मक दिन है जिसे प्यार के लिए जाना जाता है लेकिन असल में प्यार करने वालों को ना किसी विशेष दिन की आवश्यकता है ना किसी विशेष अवसर की और ना ही किसी विशेष जगह की क्योंकि प्यार एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को कभी ना कभी किसी ना किसी से होता है। हमें अपने प्रियजनो के लिए समय निकालना चाहिए क्योंकि इस समय चक्र में जो पल बीत जाते है वो कभी लौट कर वापस नहीं आते, एक खुशहाल जीवन जीने के लिए इन पलों को आपको अपने परिवार, दोस्तो, और परिजनो के साथ हंसी खुशी गुजारना चाहिए इसी में इस दिवस की सार्थकता है।