(Kiran Kathuria) www.bharatdarshannews.com
New Delhi News, 20 December 2020 (www.bharatdarshannews.com) : दुनियाभर में बिना ड्राइवर वाली गाड़ियों (ऑटोनॉमस व्हीकल्स) पर जोरदार चर्चा चल रही है। ऑटोनॉमस कारें भीड़भाड़ वाली सड़कों पर दूसरी गाड़ियों, सड़क पर चल रहे लोगों, गड्ढों, खुदाई और आपातकालीन स्थितियों के बीच आसानी से बिना ड्राइवर के पैसेंजर को उसकी मंजिल तक पहुंचा देती हैं। ऑटोनॉमस कार बाकी कारों से अलग होती है। ऑटोनॉमस कार को ड्राइवरलेस कार भी कहते हैं। यह कार सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर मानी जाती है। दुनियाभर में कई देश ऐसे हैं, जहां आने वाले वक्त में आपको सड़कों पर ड्राइवर-लेस कारें दौड़ती मिल सकती हैं। डेलॉय ने कुछ देशों में हुए सर्वे में लोगों से इन कारों के बारे में पूछा तो लोगों की प्रतिक्रियाएं अच्छी मिलीं। सर्वे के परिणाम बताते हैं कि बीते कुछ सालों में भारत और चीन जैसे देशों में लोगों का ऑटोनॉमस व्हीकल के सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर नजरिया बदला है। रिपोर्ट के अनुसार, टेक्नोलॉजी को लेकर दक्षिण कोरिया और जापान में स्वीकार्यता बढ़ी है। अमेरिका और यूरोप में भी यह कार स्वीकार्य हो रही है। डेलॉय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2020 में 58 फीसद ग्राहक मानते हैं कि ऑटोनॉमस व्हीकल सुरक्षा के लिहाज से बेहतर नहीं है, जबकि 2019 में 48 फीसदी और 2018 में 47 फीसद ग्राहकों का ऐसा मानना था। चीन में 35 फीसद ग्राहक मानते हैं कि ऑटोनॉमस व्हीकल सुरक्षा के लिहाज से बेहतर नहीं है। वहीं 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश: 26 और 25 फीसद था। वहीं भारत और अमेरिका में क्रमश: 57 और 51 फीसद ग्राहकों ने माना है कि वे जहां रहते हैं, उन सड़कों पर ऑटोनॉमस व्हीकल की टेस्टिंग को लेकर वे चिंतित है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और जापान में ऑटोनॉमस व्हीकल टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे निर्माताओं पर लोगों का विश्वास गिरा है, जबकि भारत, जर्मनी, और चीन में अभी इसमें बड़ा बदलाव नहीं आया है। ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन की स्टार्ट-अप कंपनी जॉक्स ने पूर्ण ऑटोनॉमस व्हीकल पेश किया है, जिसमें कोई स्टीयरिंग व्हील नहीं है। यानी यह वाहन बिना ड्राइवर के चलेगी और एक बार फुल चार्ज किए जाने पर यह इलेक्ट्रिक वाहन दिनभर और रातभर चल सकती है।