(Kiran Kathuria) www.bharatdarshannews.com
JB Sharma/Faridabad News, 28 September 2019 : नेता सागर के में तूफान के समान होते हैं जो आते हैं और चले जाते हैं, किन्तु जनता सागर की भांति होती जो सदा रहती है। ऐसे में क्या मान लिया जाए कि जनता का दिल सच में ही सागर की भांति विशाल होता जो नेताओं की ज्य़ाद्दती उनकी उपेक्षा और अन्याय को सह कर भी उन्हें फिर अपना उमीदवार बनाकर चुनाव जीताती है। हम बात करेंगे आगामी माह अक्तूबर में होने वाले विधान सभा चुनाव की। ऐसे में फरीदाबाद के विधान सभा क्षेत्र 87 में मुख्यत: कांग्रेस,बीजेपी,आप, जेजेपी, बसपा सहित र्निदलीय उमींदवारो के रूप में जो नए-पुराने योद्धा चुनावी मैदान में उतरेंगे उनकी दावेदारी में कितना दम है? यह तो टिकट मिलने के बाद ही पता चलेगा। वही-आधुनिक राजनीति मूलत: मनुष्य की नहीं अपितु शक्तियों का संघर्ष। राजसत्ता दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है, इस बात से शायद ही कोई इंकार कर सके । ऐसे में सवाल यह है कि बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में किस पार्टी का कौन सा उमींदवार इस बार बाजी मारेगा? जबकि चर्चा पुरानों की भी है और नए उमींदवारों की भी। हम ऊपर कह चुके हैं कि जनता का दिल सागर समान विशाल होता है। तो क्या जनता अपनी आंचल की विशालता में बीजेपी के वर्तमान विधायक की व्यवाहारिक खामियों को भूल जायेगी? क्या कांग्रेस के किसी नए उमींदवार को जनता अपना समर्थन आंख मूंदकर दे देगी। वहीं, क्या कांग्रेस के पुराने धुरंदर जनता का दिल जीत पायेंगे? जबकि आम आदमी पार्टी का तो हरियाणा में पर्दापण ही माना जाए तो $गलत न होगा। अब जहां तक बात रही बसपा व जेजेपी की तो उसके लिए यह चुनाव जुआ होगा। कुल मिलाकर मुख्य मु$काबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जाये तो गलत न होगा। नए-पुराने चंद चुनिंदा नामों पर नज़र दौड़ाएं तो पता चला है कि जो इस बार अपनी दावेदारी का जौहर दिखाने जुटे : बीजेपी से सीमा त्रिखा, राजन मुथ्रेजा, संदीप कोर, जबकि कांग्रेस से चौधरी महेन्द्र प्रताप, विजय प्रताप, अशोक अरोड़ा वहीं आम आदमी पार्टी से धर्मबीर भड़ाना, इनके अलावा बसपा, जेजेपी और र्निदलीय प्रत्याक्षी भी अपनी किस्तम का सिक्का उछालेंगे। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याक्षियों के आलावा बाकी सभी राजनीतिक दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती ईवीएम की रहेगी।