(Kiran Kathuria) www.bharatdarshannews.com
Mukhi Deepak 24 June 2019 : जब भी कभी कोई लड़की दूसरे जाती के लड़के (विधर्मी/ विजातीय) के साथ भाग जाती है तब बहुत चर्चा होती है। बहुत चिंतन होता है सोशल मीडिया पर ऐसा लगता है जैसे सभी बहुत चिंतित हैं। घटना घटे उसके पहले ही इंतजाम होना समझदार होने की निशानी है। घटना घटने के बाद लकीर पीटते रहना बेवकूफ होने की निशानी है। मैं तो कहता हूं यदि हर माता पिता, परिवार मोहल्ले के परिजन, समाज के लोग अपनी बहन बेटियों के प्रतिदिन आचरण व्यवहार पर नजर रखें किसी भी हाल में लड़कियां नहीं भाग सकती। हर बीमारी के कुछ लक्षण होते हैं । प्रेम मोहब्बत लवेरिया बीमारी के भी कुछ ऐसे ही लक्षण होते हैं। हर माता पिता को अपनी बेटी पर शक नहीं करना चाहिए लेकिन सावधानी अवश्य रखनी चाहिए। ऐसा क्यों मान लिया जाता है यदि माता-पिता ने बेटी से आने जाने का टाइम पूछ लिया तो वह शक करते हैं? कुछ बिंदु आपको दे रहे हैं उस पर सबको चिंतन करना चाहिए और समय-समय पर यह पैरामीटर लगा कर बेटी को हो रही लवेरिया बीमारी के लक्षण को चेक कर लेना चाहिए। सबसे पहले माता पिता को विशेषकर माता को अपनी बिटिया बहुत ही चरित्रवान हैं इसमें ओवर कॉन्फिडेंट नहीं रहना चाहिए क्योंकि मैंने देखा है जिन माता पिता ने अपने बच्चों पर ओवर विश्वास किया है उन्होंने ही धोखा दिया।
इन लक्षणों पर दें ध्यान --
यदि बच्चियों में एकांत में रहने की आदत बन रही है,
एकांत में मोबाइल करने की आदत पढ़ रही है,
अपने भाई-बहनों परिवारजनों से अलग-थलग रहने लगी है, अकेले-अकेले समय बिताने की आदत पड़ रही है,
पहनने-ओढ़ने में अचानक बदलाव आ गया है,
या तो खूब सजने-संवरने लगी है या फिर बहुत सादगी से रहने लगी है, गुमसुम रहने लगी है, सभी के साथ हंसना बोलना छोड़ दिया, शरीर के अंग उपांग में बहुत परिवर्तन दिखाई देने लगा है, स्कूल कॉलेज में पढ़ने का स्तर बहुत कम हो गया है, अचानक पुरानी सहेलियां कम आने लगी और नई सहेलियां जुड़ने लगी, या बच्ची को सामान्य समय से हटकर जैसे कि दिन में काम याद नहीं आते लेकिन शाम होते ही कॉपी लेने जाना है, टीचर के यहां जाना है, सामान्य समय से हटकर अन्य समय में काम करने की आदत पड़ गई है, स्कूल बैग पुस्तकें आदि परिवारजनों से छुपा कर रखती है, मोबाइल के मैसेज, इनकमिंग, आउट गोइंग कॉल डिलीट करके रखती है, या तो खर्च बहुत बढ़ गया है और पैसे माँ से मांगती है,
या फिर अब खर्च मांगना बंद कर दिया, मंदिर साधु सत्संग में आना जाना कम हो गया है, समाज के भाई बहनों से मिलना जुलना कम हो गया है, स्कूल कॉलेज से आने के बाद कभी बहुत खुश रहती है तो कभी बहुत गुमसुम रहती है, स्वभाव का यह परिवर्तन बहुत मायने रखता है। खाने पीने में परिवर्तन आ गया, परिवार के साथ TV देखने में मन नहीं लगता , घर की लड़ाई झगड़े में आत्महत्या कर लेने की बात कहती है , माता पिता भाई बहन के द्वारा पूछताछ करने पर बहुत आपत्ति जताती है , अच्छी खासी मोबाइल पर चल रही बातचीत को किसी के आने पर रोक देना या बाद में करेंगे कह देना l आप चेक करें जो मोबाइल आपने दिया था वही मोबाइल उसके पास है या बदल गया है। कितनी सिम रखती है?
अपने बच्चे की हर खरीददारी आप स्वयं करवाइए भले उसकी पसंद की हो लेकिन आपके सामने हों। क्योंकि देखने में आता है आपने तो एक लाल कलर का बैग दिलाया था लेकिन उसके पास तो कई कलर के बैग है। आप बच्ची की आमद खर्च पर ध्यान दीजिए आप उसे कॉलेज खर्च के लिए मान लीजिए सौ रुपए दिए हैं और खर्चे 500 के तो आप पूछें यह पैसे कहां से आ रहे हैं। स्कूल कॉलेज में अचानक टूर यात्रा का आ जाना, छुट्टी का हो जाना, स्पेशल क्लास लगना, कल्चरल प्रोग्राम की रात्रि में तैयारी होना यह सभी प्रोग्रामों का अचानक होना l माता पिता की लड़ाई में किसी एक का भरपूर साथ देना और उस का भरपूर सहयोग लेना, अधिकांश समय छत पर बाहर गैलरी में गुजारना जैसे किसी के आने जाने का इंतजार हो। घर में अचानक पैसों की चोरी होने लगना जेवरातों का गुमने लगना ऐसे बहुत सारे लक्षण हैं जिन पर आप ध्यान देंगे तो पाएंगे आप की बिटिया रानी में परिवर्तन आ रहे हैं। पूछने पर एक ही बात कहेगी अरे यार मम्मी आप तो खामखां शक करती हो। ऐसे समय में यदि लड़की के भाई को लवेरिया नहीं तो भाई से बिल्कुल नहीं पटेगी और यदि कहीं भाई को भी यह रोग है दोनों भाई बहनों की बहुत पटेगी । लिखने को तो 1008 लक्षण हैं लेकिन हम समझते हैं यह मुख्य लक्षणों पर भी ध्यान दोगे तो शायद लड़की भागेगी नहीं। इसके लिए हर पति पत्नी को लड़की के मां बाप बनकर जिम्मेवारी निभाना होगी। मैंने कई ऐसे पति-पत्नी देखे हैं। बच्चों की उम्र 20 साल है और वह मां-बाप ना बनकर पति-पत्नी की तरह बच्चों के सामने जीवन जी रहे जिस का दुष्प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। एक अंतिम सलाह जवान बच्चे बच्चियों को अलग बेडरूम देना बंद कर दीजिए। बच्ची है तो मां के कमरे में सोए बच्चा है तो पिता के साथ सोये या पिता के कमरे में सोए। यकीन मानिए बच्चे कभी नहीं बिगड़ेंगे क्योंकि पाप और अपराध करने के लिए एकांत होना जरूरी और रात्रि में जितना पाप किया जा सकता है इतना दिन में नहीं होता। रात में एकांत हो मोबाइल साथ में हो TV चल रहा हो फिर पाप ही पाप है। लड़की के ऐसे किसी झूठ को माफ मत करिए जिसमें आपको पूरे सबूत मिले हैं। खासकर टाइम मैनेजमेंट के ।